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प्रधानमंत्री मोदी जी का यह निर्णय क्या ! लाएगा बदलाव ?? केसा रहेगा आनेवाला समय ??

प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी  और उनकी मोदी सरकार को कोई खतरा नही  वर्तमान गोचर मे जर्बरदस्त ग्रह का समावेश सूर्य बुध आदित्य योग दे रहा है शक्ति…
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गोपाष्टमी के दिन रात्रि 8  बजे की थी नोट बन्द करने की घोषणा मोदी की कुण्डली मे त्रिकोणात्मक योग देता है प्रबल शक्ति। ग्रहगोचर के आधार दिनांक 8 नवम्बर 2016 (मंगलवार, गोपाष्टमी) को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी को एक बडी घोषणा कर चैका दिया इतने बडे ऐलान की भनक किसी को भी नही लगी ।
यदि ग्रहगोचर के आधार पर देखा जाये तो यह घोषणा मोदी जी को दीपावली पूर्व करनी थी परन्तु उस वक्त उनका चन्द्रमा निर्बल था तथा हिन्दूओ का त्यौहार होने के कारण उन्होने इस घोषणा को मंगलवार को की मंगलवार उनके नाम का स्वामी है शास्त्र मे प्रमाण है कि जो व्यक्ति अपने स्वामी के अनुसार कोई भी कार्य करता है उसे उसमे फतह मिलती है नरेन्द्र मोदीजी की बोलते नाम से वृश्चिक राशि है ओर उनका स्वामी मंगल है मंगल अंगारकाय योग बनाता है । तथा इनका स्वरूप रक्तवर्ण भी है यह जो भी ठान लेते है उसे अवश्य करते है स्वामी बलवान होने से कुण्डली मे मंगल प्रबल है। अगर वर्तमान गोचर की बात करे तो वर्तमान मे गोचर मे सूर्य बुध आदित्य योग लग्न मे विराज मान है द्वितीय भाव मे बुध ओर शनि की युति बैठी हुई है तृतीय भाव मे शुक्र और चतुर्थ भाव मे मंगल विराजमान है।
चन्द्रमा की स्थिति देखे तो वर्तमान मे गोचर मे मेष राशि का चन्द्रमा है राहू दशम भाव मे और गुरू द्वादश भाव मे स्थिति है। मोदी की कुण्डली की बात करे तो इनका जन्म 17 सितंबर 1950 को मेहसाना(गुजरात) मे वृश्चिक लग्न मे हुआ है तथा इनका चन्द्रमा भी वृश्चिक लग्न का ही है इनके लकी दिन मंगलवार , गुरूवार, और सोमवार है यह जो भी इन दिनो मे कार्य करेगे इनको इन कार्यो मे फतह मिलेगी । इनकी कुण्डली मे कर्क नावांश एवं वृश्चिक राशि होने से निर्णय प्रबल होता है । दशम भाव मे शनि और शुक्र विराजमान है जिससे प्रशासनिक सत्ता मिलती है । तथा चतुर्थ भाव मे गुरू होने से माता सुख ओर धार्मिक विचार बनते है ।
अगले वर्ष 2017 मे इनको बुध की दशा चलेगी तब थोडी परेशानी हो सकती हीै परन्तु यह अपने कार्य मे प्रबल साबित होगे अभी इनको शानि की साढे साती चल रही है। शनि की साढेसाती होने विपरीत ग्रहदोष बनता है जिससे विरोधी सत्ता इनका विरोध करेगी परन्तु मंगल प्रबल होने से यह सब को सहन करेगे और कई बदलाब लायेगे ।
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री
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