अखिलेश यादव और मजबूत होकर उभरेंगे

त्वरित टिपण्णी--अखिलेश यादव की उपलब्ध जन्म कुंडली पर---

उज्जैन के पं. दयानन्द शास्त्री के अनुसार उत्तरप्रदेश की स्थापना कुंडली 1
अप्रैल 1937 को धनु लग्न और वृश्चिक राशि की है। इस कुंडली में वर्तमान में
शनि की साढ़े- सती का तीव्र प्रभाव तथा राहु में गुरु की संवेदनशील दशा चलने से
साम्प्रदायिक हिंसा का योग बन रहा है। बाद में जनवरी 2017 में शनि धनु राशि
में पहुंच कर उत्तरप्रदेश की कुंडली के दशम भाव में गोचर कर रहे गुरु को
दृष्टि दे कर सत्ता परिवर्तन का योग बन देंगे।

अखिलेश यादव और मजबूत होकर उभरेंगे,लोकप्रियता बढ़ेगी 20 जनवरी 2017 के आसपास
लेंगे मजबूत और ठोस निर्णय जिसके इनके जीवन में बड़े और दूरगामी परिणाम होंगे
||उज्जैन के पं. दयानन्द शास्त्री के अनुसार अखिलेश यादव की गूगल पर उपलब्ध
जन्म पत्रिका में भले ही उनकी कुंडली में ग्रह और नक्षत्र विपरीत चल रहे हैं
लेकिन इससे उन्हें कोई निजी नुकसान नहीं होगा बल्कि उनकी पार्टी को इससे फर्क
पड़ सकता है |

उपरोक्त (गूगल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) जन्मकुंडली उत्तरप्रदेश के यशस्वी
और खासकर युवा वर्ग में लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी की
है,वर्तमान समय में पारिवारिक कलह और राजनितिक उठा पटक के दौर से समाजवादी
पार्टी और यादव परिवार गुज़र रहा है,यदि एक दृष्टि अखिलेश यादव जी की
जन्मकुंडली पर डालें तो यह सब स्वतः ही समझ आ जायेगा||

उज्जैन के पं. दयानन्द शास्त्री के अनुसार अखिलेश यादव की गूगल पर उपलब्ध जन्म
पत्रिका के अनुसर अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को वृश्चिक लग्न कर्क राशि
में हुआ। वृश्चिक राशि स्थिर राशि होकर लग्नस्थ भी है। मंगल पृथ्वी पुत्र है।
पराक्रम का प्रतीक है। यही वजह है कि अखिलेश ने जमीन से जुड़ कर शानदार सफलता
हासिल की। अखिलेश यादव की पत्रिका में विशेष बात यह है कि नवांश में बुध उच्च
का है और शुक्र नीच का, जो‍ कि नीच-भंग योग का निर्माण कर रहा है। शनि उच्च का
है, मंगल स्वराशि वृश्चिक का है। चन्द्र कर्क स्वराशि का है। 15 मार्च 2012 को
अखिलेश जी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी || उस समय उनकी राहु
की महादशा में राहु की अन्तर्दशा और बुध का प्रत्यंतर चल रहा था ||जहां राहु
बुध का मित्र और उच्च स्तरीय राजनीती का कारक भी है वही बुध दशमेश और सप्तमेश
दो केंद्रों का स्वामी होकर एकादश भाव सूर्य के साथ बैठकर बुध आदित्य नामक
प्रबल राजयोग बनाकर उन्हें बड़े स्तर का शाशक बनाता है || वही गुरु लग्न में
लग्नेश और चतुर्थेश होकर अपनी ही राशि धनु में 10 डिग्री से ऊपर का होकर बैठकर
हंस नामक दिव्य पंचमहापुरुष योग बनाता है जिसके कारण अखिलेश जी को सदैव अपार
जन समर्थन और जनता का प्यार मिल रहा है और हमेशा मिलता रहेगा ||

ऐसे व्यक्तियों को जनता ह्रदय से प्रेम करती है उनके शत्रु और विरोधी भी उनका
सम्मान करते हैं , परन्तु गुरु के साथ जहा राहु चांडाल योग बना रहा है जिसके
कारण समय 2 पर उनके दामन पर दाग लगाने का षड्यंत्रकारी प्रयास करते रहेंगे वही
राहु का नीचभंग होकर लग्न में गुरु के साथ होना उन्हें और मजबूत और लोकप्रिय
बनाकर स्थापित करता रहेगा इसी कारण उस समय भी तमाम उठा पटक और बवंडर के बाद भी
अखिलेश जी को मुख्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण कुर्सी दिलवा दी |

जिस चंद्रमा और बुध के स्थान परिवर्तन के कारण अखिलेश के राजयोग का निर्माण
हुआ था उसी चंद्रमा के अस्त होने के कारण जब भी उनके हाथ सत्ता की बागडोर आएगी
तो साथ में मानसिक उलझने भी साथ लाएगी ||

यदि वर्तमान परिस्थितियों पर दृष्टि डाले तो जहां शनि की अष्टम ढय्या 26 जनवरी
2017 तक चलेगी वहीँ वर्तमान में राहु महादशा में शनि की अन्तर्दशा में केतु की
प्रत्यंतर दशा चल रही है जो की 20 जनवरी 2017 तक चलेगी जिसके कारण पारिवारिक
मतभेद, राजनीतिक षड्यंत्र,मानसिक क्लेश आदि विशेष रूप से 20 जनवरी
2017(20/01/17) तक और आंशिक रूप से 27 जनवरी 2017तक बने रहेंगे,परन्तु फिर भी
शनि पराक्रमेश होकर छठे भाव में होने के कारण काल के सामान अखिलेश जी की रक्षा
करेंगे और उनके विरोधियो को ठिकाने लगा देंगे और अखिलेश यादव पुनः और सशक्त और
लोकप्रिय होकर सबको धता बताते हुए अपने को स्थापित करने में सफल होंगे |


शुभम भवतु...!!!

विशेष सावधानी---वर्तमान समय में यदि अखिलेश जी 11 रत्ती का गोमेद धारण करे तो
वह सभी पर हावी रहेंगे और सफल भी होंगे
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